nazar nazar me haaledil ka pata chalta hai

-------------------------------------------------
तुम मर गए लेकिन एक दास्ताँ कह गए
ये वीराने बताते है कि हरे होते तो जिन्दा होते
-------------------------------

---------------------------------------------------------
चुल्लू से जिंदगी संजोने कि कोशिश कर रहा हूँ 
सारी उँगलियाँ जोड़ के रखी हैं 
कमबख्त फिर भी सरकती जा रही है  
---------------------------
--------------------------------------------
जिस इंसान ने मुझे इतने जख्म दिए
चुन-चुन के हमले किये
लहुलुहान पीठ लिए उसी इंसान के पैरों में बिछी  हूँ
मैं धरती हूँ इंसान नहीं, जो बदले लेती फिरूं
----------------------- 

------------------------------------------
मासूमियत कि कोई शक्ल नहीं होती
काश हम इसे जानवर कि औलाद  न समझते   
-----------------------------

-------------------------------------
मेरे चेहरे पे एक मुस्कान देखने को 
माँ रोज न जाने कितने जतन करती होगी  
----------------------------
-----------------------------------------
जिंदगी में मुझे एक मील दौड़ना है या हज़ार मील
ये तो वक़्त ही बताएगा  
पर उसके लिए पहला कदम तो मुझे बढ़ाना ही होगा
-------------------------------

Comments

इन तस्वीरों को आपके भावभीने शब्दों नें संजीव बना दिया । तस्वीरें बोलती हैं या फ़िर शब्द जो भी हो बहुत आकर्षक और भावुक है ...सीमा सचदेव
तस्वीरें बोलती हैं....बहुत सुन्दर कलेक्शन है

Popular posts from this blog

jeene ki wajah to koi nahi, marne ka bahana dhoondta hai

Golden age of Indian mathematics was inspired by Babylon and Greece: Amartya Sen