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Showing posts from February, 2010

jindagi mere ghar ana

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स्कूल से लौटा ही था, देखा मां नहीं है बेफिक्र होकर बिना जूता, डे्रस उतारे लेट गया बिस्तर पर टीवी भी देख ली, फ्रिज की आइस्क्रीम भी चट कर ली समय बीता और बीतता गया, घंटे भर के अंदर बेचैनी बढऩे लगी मां कहां गई, मेरी मां कहां गई अनजाने डर से आंखों में आंसू भर आए थे आंख खुली तो देखा डे्रस जींस में बदल चुकी थी स्कूल के जूते स्पोट्र्स शूज हो चुके थे सामने देखा दीवार पर मां की तस्वीर पर माला चढ़ी हुई थी ऐ जिंदगी तुझे किस नजर से देखूं हर एंगल से तू जिंदगी ही नजर आती है हर पल जीने की सफलता छोड़ जाने कौन सी सफलता की तलाश में हूं एक कदम और फिर देखो चली गई जिंदगी या एक कदम और फिर देखो मिल गई जिंदगी क्या भगवान, जिधर देखो तूने हर चीज पूरी बनाई है एक पल जो मौत दिखती है, अगले पल वो ही जिंदगी लगती है हर कदम ये सोच के आगे रखता हूं कि दुनिया खत्म होगी मेरे आगे खतरनाक घाटी में पुल बना लिया दुनिया के सबसे बड़े जानवर को पालतू बना लिया क्या-क्या न बनाया हम इंसान ने बस एक चीज आज भी सालती रहती है हम खुद को इंसान बनाए रखने में फेल क्यों हो जाते हैं इस शेर को देखो, शेरनी के आगे

last decade

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किसी के लिए ये खुदा का कहर है तो किसी के लिए भगवान का कोई किस्मत को रो रहा है तो कोई दिल में बदले बो रहा है अपनी करनी को हम कब तक ईश्वर पर डालेंगे वो बोलता नहीं तो क्या जानता नहीं नैन आंसू जो लिए हैं वो राहों के दिए हैं लोगों को उनका सब कुछ देकर मैं तो चला था सपने ही लेकर कोई नहीं हैं मेरे अपने ये सपने हैं प्यार के अपनी ही नस्ल को पूरी ताकत से मिटाने की कोशिश है   जरा जोर लगाओ कहीं कोई बच न जाए किसी ने कहा 2012 में कयामत आएगी मैंने कहा जी जरूर, 12 तो है अभी दूर आओ मिलकर कयामत लाते हैं एक-एक शहर उड़ाते चले जाते हैं  

kuch kuch hota hai!

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meri dunia me aakey mat jaa!!!

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ये दो 'इंसान' शायद ये सोच रहे है कि कौन से 'जानवर' उनके पीछे पड़ गए हैं  बेटा जल्दी से सड़क पार कर लो कहीं कमबख्तों ने देख लिया  तो ऐसे मुह बाए देखेंगे जैसे कभी बंदर नहीं देखा मेरे बगल में आने के लिए  तुमने अपनी जान ही दांव पे लगा दी  जी नहीं मैं  शेर कि बात कर रहा हूँ   न जाने कितनी बार तुमने मेरा रास्ता काटा मैंने कुछ नहीं कहा आज मैं तुम्हारा रास्ता क्या काट रहा हूँ अचरज भरी निगाह से देख रहे हो  

ankh dokha hai kya bharosa hai

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जो दिखता है वो होता नहीं जो होता है वह दिखता नहीं भरोसा जिंदगी का फलसफा नहीं यहां तो धोखा ही सिर्फ सांस लेता है   मेरी कब्र पर बरसा के पानी क्या जता रहे हैं आप (खुदा) क्या ये मेरी प्यासी जिंदगी को गीला करने की कोशिश है इस रेगिस्तान में भी टायर के निशान हैं मैं कहां जाऊं कि कम्बख्त इंसान न मिले शायद इंसान यहा खुदा से यही कह रहा है- बड़ी कोशिश की तुम्हारी (खुदा) टक्कर लेने की मैंने हर बार सूक्ष्म साबित कर देते हो क्यों ऐसा करते हो, हारने वाले को क्या जीत का एक पल भी नहीं दोगे हर पल जो साथ निभाती है पैरों के निशान पर चलती चली जाती है वो बीवी ही तो है प्रेमिका में कहां मिल पाती है जरा सी धूप, एक बंदर, ढेर सारे पेड़ मैंनेजमेंट इसी को तो कहते हैं सबको उसके लायक हक दे दो बस शानदार प्रेजेंटेशन तैयार पता नहीं ये लड़ रहे हैं या प्रेम कर रहे हैं दोनों शरारत में मशगूल हैं या ये उनकी बातचीत का तरीका है सिर्फ एक पल न जाने कितनी सोच बयां कर रहा है और हम सोचते है कि सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं इक आग उबलती है जमीं के अंदर इक आग उबलती है जेहन के अंदर उस आग के

kaisi hai ye jindgani

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टनों भारी व्हेल पर कितनी है शांत यहां 80 किलो वजन, पर रंगबाजी देखिए पानी में डूबा है कम्बख्त पर जंगलीपना नहीं भूला, जानवर कहीं का हमें देखो, जरा सी सफलता मिलते ही इंसानियत भुला देते हैं. आज उसकी मौत पर गमी कर रहा है ये कबूतर कल कोई नया मिलेगा, उसी के साथ हो लेगा किसी को उसका ये कदम गलत लगता होगा पर जिंदगी का तो उसूल ही यही है हम तो मरने के बाद भी खुद को बचाए रखना चाहते हैं कोई इस जानवर से सीखे जिंदगी भर परिवार का पेट भरा आज मर गया तो भी बेगानों का भर रहा है

tera sath hai to

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घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए इस प्यार भरी तस्वीर को निहारने वाले तेरा प्यार पाने को घर में कोई बेताब बैठा है आंसू भरी हैं ये जीवन की राहें कोई उनसे कह दे, हमें भूल जाएं

jhonka hawa ka...

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वो अकेला ही चढ़ता जा रहा है उन पैरों के निशान साथ लिए जो उससे पहले यहां से गुजरे थे देख उसे बस यही लगता है 'माना कि दुनिया मुझसे आगे है पर कभी तो मिलेगी मेरे हिस्से की मंजिल उस मंजिल पे पहुंचना ही क्या मेरे लिए किसी जीत से कम होगा' इंसान क्या नहीं कर सकता देखो, मेरी सड़क, मेरी कार, मेरा पुल और मेरा हैलीकॉप्टर वाह, क्या नजारा है इस पहाड़ी पर शायद ही कोई पहुंच पाता ये तो हम इंसान हैं, जिन्होंने यहां भी पहाड़ तराश कर रास्ता निकाल ही लिया खुदा की बनाई इस तस्वीर में इंसान का कितना-कुछ है पर...इंसान किसने बनाया!!! बेचारों ने तुम्हारी सड़क पर क्या कदम रखा तुमने उन्हें कैमरे में कैद कर लिया काश उनके पास भी कैमरा होता काश उनके पास भी इंटरनेट होता तो बताते कैसे तुमने उनकी जिंदगी तबाह कर डाली है ताकत होती तो मैं भी एक नया जहां बनाता इंसानों को जानवर बना देता और जानवरों को इंसान फिर देखता जानवर बड़े या इंसान न जाने कितने सिर हैं यहां न जाने कितने ख्वाब हैं यहां हर कोई अपनी ही दुनिया में है खोया जिसे देखो खुद से लड़ते हुए सांसे ले रहा है पर किसी को याद ही नहीं चाहे वो कुछ भी कर लें रहे

tak dhinadin

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किसे फिक्र है यहां इस गंदे पानी की किसे फिक्र है यहां इस बदबू देती भैंस की मेरे लिए तो ये भैंस किसी नाव से कम नहीं जिस पे लेटकर मैं आसमान से तारे तोडऩे के ख्वाब बुन रहा हूं रोशनी गर खुदा को हो मंजूर आंधियों में भी चराग जलते हैं इस दौड़ को तो मुझे जीतना ही है जीत से मेरे आंगन में खुशियां आएंगीं महीने भर का अनाज मिलेगा बताओ अनाज मिलने से बढ़कर भी कोई खुशी है क्या दुनिया में मैं तो ये दौड़ जीत के ही रहूंगा