Posts

Showing posts from May, 2014

चले थे तीर से लालटेन फोड़ने, ससुरी कमान ही जल गई

चुन्नू भाई - अमां विजय, बड़े कमजोर लग रहे हो, सुना है भौजाई मेहनत बहुत कराती हैं. हा, हा, हा, अरे पुत्तू जरा बढ़िया चाय बनाओ और हां राजू के यहां जरा दो पान बोल दो, 64, 32 किमाम इलायची और देखना चूना बोल देना कम लगाएगा. साला कल से मुंह काट दिहिस है. और सुनाओ पुच्चू भाई कहां गुमसुम हो. पुच्चू तिवारी- अबे गुमसुम नहीं है, तुम्हें देख रहे हैं बड़े तफरीह के मूड में दिख रहे हो. साले कल तक तो मसाला फाड़ते थे, ये पान कहां से शुरू कर दिया. चुन्नू- अमां, दूरियों से प्यार बढ़ता है, इसीलिए कुछ दिन के लिए गुटखा से दूरी बना ली है, कुछ दिन बाद खाएंगे तो ज्यादा मजा देगा. पुच्चू- हां, ये तो सही कह रहे हो तुम देखो बिहार में गुटखा वापस खाने की तैयारी है. चुन्नू- अमां क्या-क्या बोलते रहते हो, ये बिहार कहां से आ गया. पुच्चू- इसीलिए कहते हैं अनुभव की कमी है तुममें. कॉमन सेंस इज नॉट अ वैरी कॉमन थिंग. चुन्नू- हां, तुम हीं तो काबिल हो, अब ज्ञान बखारोगे. पुच्चू- अरे, बिहार में देखा नहीं कभी साथ रहने वाले लालू और नीतीश एक बार फिर साथ हो गए हैं. मतलब गुटखा वापस खाने की तैयारी है कि नहीं, कई साल हो गए थे पा