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Showing posts from April, 2010

ye kaha aa gaye hum

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खुद को मिटने कि तय्यारी कर रहे हो देखना अपनों पे गोलियां बरसाने में  कही हौसला कमजोर न पर जाये   घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें किसी रोते ही बच्चे को हसाया जाये दुश्मनी चाहे जितनी हो पर इतनी गुंजाईश रखना हम कभी दोस्त हो जायें तो गिला न रहे ----------------------------------------- लहू का दरिया बहा दिया  आओ दोस्त थोड़ा घूम आया जाये पढाई कि मांग कर रहे हो बेटा पता है स्कूल में मुर्गा बनाया जाता है छड़ी पड़ती है और रोने पे मम्मी भी नहीं आती ------------------------------ बड़ी-बड़ी बातें बंद करो जमीन पे उतरो अब तो सुधर जाओ देखो अब तो अपनी मांग लिए बच्चे भी उतर गए सड़क पे तुम्ही ने खड़ा किया था तुम्ही मिटा रहे हो आखिर खुद को खुदा समझने कि गलती तुम भी कर बैठे कम्बल कि ओट लिए ये बच्चा देख रहा है उसके दोस्तों कि मौत के बाद बंदूकें उसपे तनने वाली है खुद के बनाये बम से बचना सीख नहीं सके और कहते हो कायनात बदल डालूँगा ------------------------------------ तुम्ही ने बनाये ये मौत के कारखाने आज बरस पडे तो भाग खडे हुए  मेरे चेहरे को मासूमियत कि शक्ल न दे अपने माँ-बाप कि लाश दफना के लौटा हूँ

jeene ki wajah to koi nahi, marne ka bahana dhoondta hai

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किसी के दर्द को बेचने कि कोशिश है उनका दर्द बिकेगा तो अपना कम हो जायेगा ये कौन सी दरिंदगी बुन रहे हैं हम   पहले दर्द दे के कमाते हैं  फिर दर्द बेच के कमाते हैं   तुम ये नहीं कर सकती...तुम वो नहीं कर सकती लड़कियों को ये नहीं करना चाहिए लड़कियों को वो नहीं करना चाहिए   अरे हटाओ!!! मुझे जो जी में आएगा करूंगी तुम्हे रोकना है तो रोक के दिखाओ... मिटटी से सना हाथ देख रहे हो जान थी तो बुलंदी से दुनिया में उठता था कहता था जो चाहे कर सकता हूँ इससे खूबसूरत रंग कहा से लाऊं कि देखते ही आंसूं  छलक पड़ें तुम्हारे     वो चलते थे तो दुनिया झुकती थी इतने काबिल इंसान थे वो कि इंसानों पे राज करके, खुदा को चुनौती देते थे खुद को बचाए रखने को हजारों जतन कर डाले पर सदियों बाद मिले तो बिखरे-बिखरे से वह रे हम!!! दुनिया जीतने का हौसला दिल में संजोये  इस मुकाम पे पहुँच चुके हैं  कि अब तो बकरियों से भी सहम के रहते हैं   मसल के जिंदगी, मौत को परोसने को जी करता है कि जिंदगी में किसी के काम आने कि तमन्ना पूरी हो जाये आज इस बच्चे को देख जलन हो रही है  एक ख्याल बार-बार उठ रहा है दिल में कि सुकू

do pal miltey hain...

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डर किसे नहीं लगता पर बेफिक्री से तैर रहा हूँ  मुझे पता है खुदा देख रहा है मुझे बर्फ से ढके इस समंदर को चीर के रास्ता बना ले रहे हैं  और तुम कहते हो समंदर का दिल कोई चीर ही नहीं सकता बीच समंदर में घर भी बना लिया परिवार भी बसा लिया आने दो सैलाब को देख लेंगे ज्यादा बड़ा हुआ तो किनारे तक  तैर लेंगे   जिंदगी तू भी कितनी अजीब है मेरा पास तू है ये मेरा नसीब है