Posts

Showing posts from April, 2011

चकल्लस- धत तेरी मल्टीटास्किंग की...

बिंदास- क्या हाल है मियां, काफी दिनों बाद मेरे कूचे में तुम पहुंचे. रोडी- अरे, कुछ न कहो भाई, जहां काम करता हूं. वहां नया मैनेजर आया है. कमबख्त ने ऐसा नया शब्द इजाद किया है कि न कुछ बोलते बन रह है, न कराहते. सुबह से रात तक काम-काम और सिर्फ काम. बिंदास- ऐसा कौन सा फाड़ू शब्द है भाई, हमें भी तो बताइए. रोडी- अमां, वो क्या कहते हैं...टाकिंग, टास्स हां....मल्टीटास्किंग. बिंदास- अच्छा, तो ये 'मल्टीटास्किंग पिस्सू' तुम्हारे यहां भी पहुंच गया. अब तो समझो तुम प्लेग से मरोगे. जो काम तुम्हारा नहीं है, वो भी करना होगा, वो भी जोश के साथ, अगर वो नहीं कर पाए तो जिस काम की तनख्वाह पाते हो, वो पूरा करने के बाद भी तनख्वाह नहीं मिलने वाली. रोडी- हां, यार. कम्बख्त डेली, सुबह से शाम तक सिर्फ बेवकूफी भरा ज्ञान बांटता फिरता है. 8 घंटे की नौकरी कहने को है, सुबह 10 बजे से रात 12 यूं बजा देता है, ऊपर से चार बार मीटिंग करता है. और  तो और राय जानने के लिए मीटिंग बुलाता है, और राय दे दो तो ऐसे जलील करता है, जैसे गुनाह कर दिया हो. समझ में ही नही आता क्या करें. बड़ी टेंशन है भाई. बिंदास- चाय प