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चकल्लस- ये वामपंथी हैं ही नहीं!

रोडी- क्यों बिंदास भाई, आजकल खर्चीले नहीं दिख रहे. बिंदास- कौन बे? रोडी- अरे खर्चीले, घर आलीशान, कपड़े फटेहाल, बातों के सिवाए खर्च कुछ ही नहीं करते. बिंदास- हा, हा, हा, अबे वो कहां दिखेंगे. उनके यहां गमी है. अब कई साल तक तेरहीं मनाएंगे. रोडी- क्यों क्या हुआ, उनके तो ले दे के एक ही बेटा था, वो तो अभी कल ही दिखा था. कौन मर गया. बिंदास- पता नहीं, बंगाल में उनके जैसे कइयों की मौत हो गई है. गमी मना रहे हैं. रोडी- अच्छा, हां भइया जिंदगी भर तो दूसरों की गरियाते फिरते थे. ये गलत, वो गलत, इंडिया गलत, बस वही सही. और तो और मौका पाते ही चीन की तारीफ के पुल बांधने से नहीं चूकते थे. मानो, हू जिंताओ, उन्हीं के फूफा रहे. साला, जिंदगी बीत गई, इस आदमी को कभी खुश नहीं देखा, बस दुनिया को गरियाता ही रहता है. आम आदमी की बात करता फिरता और घर में एसी लगवाइस है. और तो और कपड़े ऐसे पहनता कि लगे पंखा खरीदने लायक न हो. बिंदास- तुम भी बहुत ज्ञान पेलते हो. साले एसी कहां देख लिया उसके यहां. घर तो किसी को बुलाता नहीं. रोडी- अमां, सामने से नहीं दिखेगा, राजू मिस्त्री नहीं है, एक दिन घर आया था टेबलफैन

चकल्लस- स्पीक ‘इंडिया’ सनसनी

रोडी- भाई को नमस्कार, कैसे हैं. काफी दिन हुए मुलाकात हुई. बिंदास- हां, भई रोडी. कैसे हो. आओ बैठो. और सुनाओ. रोडी- क्या सुनाएं आजकल तो गुरू स्पीक एशिया करोड़पति बनवा रहा है. बिंदास- हां, सुना तो है. पैसा ही पैसा दे रहा है. रोडी- लेकिन पिछले दिनों स्टारटीवी वालों ने जो शुरू किया, उससे लोगों का कांफिडेंस थोड़ा डगमगा सा गया है. अपने भी 22000 लगे हैं. डर लगता है कहीं डूब गए तो. बिंदास- अच्छा मान लो डूब गए तो क्या करोगे. रोडी- कुछ नहीं, फिर वही घिसी-पिटी जिंदगी शुरू हो जाएगी और क्या. बिंदास- तब काहे परेशान होते हो यार. रोडी- परेशानी ये है कि यार भागे न तो पैसा खूब कमा लेंगे. बिंदास- देखो भाई तुम इतने दिन से जुड़े थे, तुम्हें जो कमाई हो रही थी वह सही थी कि नहीं. रोडी- सही थी, बिलकुल सही थी. बिंदास- तो अब पत्रकारों की कमिश्नरी में काहे फंस के चिंता लिए हो. अबे स्टार न्यूज वाले भी तो एक सर्वे कंपनी चला रहे हैं. कहते हैं हम पैसा नहीं लेते. अबे ठीक है तुम पैसा नहीं लेते, पर एक ऐसा आदमी भी तो पेश कर दो, जिसे तुमने पैसा दिया हो. साले ये स्पीकएशिया वाले