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Showing posts from October, 2009

दिन ढल जाए हाय!!!

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हर घड़ी बदल रही है रूप जिंदगी छांव है कही, कही है धुप जिंदगी हर पल यहाँ जी भर जियो जो है समां कल हो न हो है दुनिया उसी जी जमाना उसी का मोहब्बत में जो हो गया हो किसी का कोई ये कैसे बताये की वो तनहा क्यों है वो जो अपना था वही किसी का क्यों है अकेले हैं तो क्या गम है

ऐसे न मुझे तुम देखो!!!

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मेरा ख्याल है की शायद ये जेट, जमीन के लिए कुछ यूँ गा रहा है जी करदा भैई जी करदा तैनू ओढ़ बिथावान जी करदा एक वारी हो एक वारी तू सीने नाल लग सोनिये ओ बल्ले बल्ले तू हाथ मेरा पकड़ सोनिये ऐसे न मुझे तुम देखो सीने से लगा लूँगा तुमको मैं चुरा लूँगा तुमसे दिल में बसा लूँगा हवा में उड़ने के लिए कितना बड़ा बनाना पड़ा मुझे और वो कहते है की घर संभालना कौन सी बड़ी बात है गर समंदर में गिरने से पहले इतने जहाज आसानी से जमीन पे उतर सकते है तो तुझे जिंदगी में और कितनी जगह चाहिए खुश रहने के लिए सुना था एक परिंदा जहाज की जान ले सकता है पर ये जहाज आखिर गिर क्यों नही रहा ये फोटोग्राफर की आर्ट है जरा सोचें उन लम्हों को जिनमे आप दोषी नही थे पर दिख रहे थे क्यों

तू न जा मेरे बादशाह!!!

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तू न जा मेरे बादशाह एक दाने के लिए एक दाना छोड़ दे खुदा का तुझे वास्ता मार न डाले मुझे ये तेरी फुरकत मुझे ये माना मेरी जान मोहब्बत (रेसिंग ) सज़ा है मजा इसमे इतना मगर किसलिए है वो एक बेकरारी अभी तक उधर थी वही बेकरारी इधर किसलिए है आज फिर जीने की तमन्ना है आज फिर मरने का इरादा है अपने ही बस में नही मैं दिल है कही तो हूँ कही मैं मॉस के एक टुकडे ने दुनिया के सबसे खतरनाक जीव को पानी से निकलने पे मजबूर कर दिया uske उसके पास अनुभव सदियों का है और ताकत भी सदियों की और तू इंसान जो उसके सामने पैदा हुआ ये कहता है के कोई ताकत मुझसे फलाना काम करवा ही नही सकती हाहाहा पेट की भूख क्या होती है पता है तुझे रिमझिम घिरे सावन सुलग सुलग जाए मन घिरे आज इस मौसम में लगी कैसी ये अगन

वही पुराना राग पर अलग है अंदाज़

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कठिनाई में डूबा हुआ वो सैनिक हूँ मै जिसे पता है वो इसे पार कर के रहेगा जरा सी नज़र क्या हटी मै आ पहुँचा जमीन पे ठीक है आज तुने दांव दे दिया घोडे पर हम भी वो इंसान है जो तेरे को सरपट न दौराया तो नाम नही एय मिटटी तेरा भी जवाब नही हर बार ज्यादा लम्बी छलांग लगाने की कोशिश में जैसे ही तुझे रौंदने के लिए गिरने लगता हूँ अपना अंचल फैलाके गोद में भर लेती है मुझे जो तुने किया है उसका फल तो लेता जा किसी के दिल पे चलायी थीं गोलियां वापस खली खोक्के तो लेता जा

सपने तो अपने होते है

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कहते है खूबसूरती कि अपनी कीमत होती है इस रेस में भी शायद यही कुछ हुआ बारिश में चल रही इस मोटो जीपी कि रेस में विन्नेर कोई न हो सका सारे ड्राईवर एक्सीडेंट के शिकार हो गए ... रेत कि जमीन पे उलट के चल के दिखा खिसकती जमीन को जरा हाथों से पकड़ के दिखा हैं दुनिया में ऐसे तमाम जो तेरे इस कदम पे हंसते होंगे पर जिस दिन मिला एक तेरे जैसा, हंसने वाले तेरी सफलता पे रोते होंगे... दीवारों से मिलके रोना अच्छा लगता है हम भी पागल हो जायेंगे ऐसा लगता है वो पल जो सिर्फ़ मेरा है वो पल जो हर पल मेरे पास है उस पल के लिए पूरी जिंदगी बहा दूँ कि लहरों पे उड़ने का वो पल एक बार मिल जाए मुझे कि उड़ जाऊं मैं...कि बह जाऊं मैं दिल में एक लहर सी उठी है अभी कि आसमान पे चढ़ जाऊं मैं...