तू न जा मेरे बादशाह!!!
एक दाना छोड़ दे
खुदा का तुझे वास्ता मार न डाले मुझे
ये तेरी फुरकत मुझे
मजा इसमे इतना मगर किसलिए है
वो एक बेकरारी अभी तक उधर थी
वही बेकरारी इधर किसलिए है

आज फिर मरने का इरादा है
अपने ही बस में नही मैं
दिल है कही तो हूँ कही मैं

पानी से निकलने पे मजबूर कर दिया uske
उसके पास अनुभव सदियों का है और ताकत भी सदियों की
और तू इंसान जो उसके सामने पैदा हुआ
ये कहता है के कोई ताकत मुझसे फलाना काम करवा ही नही सकती
हाहाहा पेट की भूख क्या होती है पता है तुझे

रिमझिम घिरे सावन सुलग सुलग जाए मन
घिरे आज इस मौसम में लगी कैसी ये अगन
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