वही पुराना राग पर अलग है अंदाज़
जिसे पता है वो इसे पार कर के रहेगा
ठीक है आज तुने दांव दे दिया घोडे
पर हम भी वो इंसान है जो तेरे को सरपट न दौराया तो नाम नही
एय मिटटी तेरा भी जवाब नही
हर बार ज्यादा लम्बी छलांग लगाने की कोशिश में
जैसे ही तुझे रौंदने के लिए गिरने लगता हूँ
अपना अंचल फैलाके गोद में भर लेती है मुझे
जो तुने किया है उसका फल तो लेता जा
किसी के दिल पे चलायी थीं गोलियां
वापस खली खोक्के तो लेता जा
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