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Showing posts from January, 2015

विवेकानंद ने कभी नहीं कहा, अमेरिका के बहनों और भाइयों

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(स्‍क्रॉल डॉट कॉम पर द सिनिक के नाम से प्रकाशित लेख का हिन्‍दी अनुवाद) http://www.dailyo.in/opinion/vivekananda-never-said-sisters-and-brothers-of-america-obama-siri-fort-speech-chicago-a-chorus-of-faith/story/1/1711.html अमेरिका के राष्‍ट्रपति बराक ओबामा सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में जहां खड़े थे, वहां टीवी कैमरे उनके एक-एक शब्‍द और इशारे को रिकॉर्ड कर रहे थे। ओबामा ने यहां स्‍वामी विवेकानंद के उस भाषण को उद्धृत किया जो उन्‍होंने उनके गृह जनपद शिकागो में 121 साल पहले हुई धर्म संसद के दौरान दिया था। ओबामा ने कहा कि विवेकानंद ने अपने भाषण की शुरुआत इन शब्‍दों से की थी- अमेरिका के बहनों और भाइयों। कहा जाता है कि अगर कोई बात अनगिनत बार बोली जाए तो वह धीरे-धीरे सच का रूप ले लेती है। शायद अमेरिका के बहनों और भाइयों वाली बात के साथ भी यही हुआ, जिसे ओबामा भी सच मान बैठे। दशकों पहले या कहें करीब-करीब शताब्‍दी पहले 10 से 27 सितम्‍बर के बीच 1893 में शिकागो में एक किताब प्रकाशित हुई थी। उस किताब का शीर्षक था, अ कोरस ऑफ फेथ एस हर्ड इन द पार्लियामेंट ऑफ रिलिजन्‍स । ये वही शिकागो में

भारतीय वैज्ञानिकों को आइना दिखाता हार्वर्ड का एक भारतीय छात्र

भारतीय विज्ञान कांग्रेस में पिछले दिनों जब हमारे देश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक दावे कर रहे थे कि वैदिक युग में विमान दूसरे ग्रहों तक जाते थे। गायें अपने भोजन से 24 कैरेट सोना बना सकती हैं। मंगल ग्रह पर महाभारत युग के हेलमेट मिले हैं। पाइथोगोरस के सिद्धांत ग्रीस में नहीं भारत में बने थे। प्राचीन भारत में पानी में शव रखकर पोर्स्टमार्टम किए जाते थे। महर्षि भारद्वाज ने 7000 साल पहले विमान संहिता लिखी। प्राचीन रडार प्रणाली रूपार्कणरहस्य कहलाती थी।   दूसरी तरफ आपको हार्वर्ड विश्‍विद्यालय ले चलते हैं, जहां एक भारतीय छात्र कुछ ऐसे काम में अपना जीवन लगाने की तैयारी कर रहा है, जो हमारे तमाम वैज्ञानिकों, भारतीय सभ्‍यता पर घमंड करने वालों के लिए आइना दिखाने से कम नहीं। जी हां, रोहन मूर्ति नाम का ये शख्‍स हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मूर्ति क्‍लासिकल लाइब्रेरी स्‍थापित करने जा रहा है और जानते हैं इस लाइब्रेरी में होगा क्‍या? इस लाइब्रेरी में हमारी भारत भूमि से जुड़े अलग-अलग भाषाओं में लिखे गए ग्रंथों, साहित्‍यों का संसार हाेगा। सिर्फ संस्‍कृत ही नहीं, तमिल, तेलेगु, मराठी और भी तमाम भाषाओं के ग्रंथ, जिन

Golden age of Indian mathematics was inspired by Babylon and Greece: Amartya Sen

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पिछले हफ़ते कोलकाता में इंफोसिसस पुरस्‍कारों के दौरान नोबेल पुरस्‍कार विजेता अमर्त्‍य सेन ने कहा कि ज्ञान का विकास अन्‍य संस्‍कृतियों से सीखने पर निर्भर करता है। स्‍क्रॉल डॉट इन ने श्री सेन के पूरे भाषण को अपनी वेबसाइट पर पेश किया है। मुझे उनका भाषण अच्‍छा लगा, उसका कुछ हिस्‍सा मैं अनुवाद के रूप में आप तक पहुंचा रहा हूं। अमर्त्‍य सेन- मैं अपनी बात की शुरुआत भारत के राष्‍ट्रपति से माफी मांगते हुए करता हूं, जो मेरे अच्‍छे दोस्‍त रहे हैं, और यहां बीमारी के कारण उपस्थित नहीं हो सके हैं। मैं उनके जल्‍द स्‍वस्‍थ होने की कामना करता हूं। शोहरत हासिल करने के कई रास्‍ते होते हैं। इसमें मूल और शानदार रिसर्च शायद अंतर्राष्‍ट्रीय ख्‍याति हासिल करने का सबसे बेहतर तरीका है। इंफोसिस साइंस फाउंडेशन पुरस्‍कारों के विजेता कुछ ऐसा ही कर के दिखा रहे हैं। हमने अभी उनकी बेहतरीन उपलब्धियों के बारे में सुना और हमें उनके इस कार्य पर फक्र है। लेकिन ख्‍याति हासिल करने के‍ और भी तरीके हैं। भारत के राष्‍ट्रपति के लिए तय रखी गई कुर्सी पर बैठकर आसानी से ख्‍याति हासिल की जा सकती है। मैं इस तरह की दुघर्टनावश म