किसी के दर्द को बेचने कि कोशिश है उनका दर्द बिकेगा तो अपना कम हो जायेगा ये कौन सी दरिंदगी बुन रहे हैं हम पहले दर्द दे के कमाते हैं फिर दर्द बेच के कमाते हैं तुम ये नहीं कर सकती...तुम वो नहीं कर सकती लड़कियों को ये नहीं करना चाहिए लड़कियों को वो नहीं करना चाहिए अरे हटाओ!!! मुझे जो जी में आएगा करूंगी तुम्हे रोकना है तो रोक के दिखाओ... मिटटी से सना हाथ देख रहे हो जान थी तो बुलंदी से दुनिया में उठता था कहता था जो चाहे कर सकता हूँ इससे खूबसूरत रंग कहा से लाऊं कि देखते ही आंसूं छलक पड़ें तुम्हारे वो चलते थे तो दुनिया झुकती थी इतने काबिल इंसान थे वो कि इंसानों पे राज करके, खुदा को चुनौती देते थे खुद को बचाए रखने को हजारों जतन कर डाले पर सदियों बाद मिले तो बिखरे-बिखरे से वह रे हम!!! दुनिया जीतने का हौसला दिल में संजोये इस मुकाम पे पहुँच चुके हैं कि अब तो बकरियों से भी सहम के रहते हैं मसल के जिंदगी, मौत को परोसने को जी करता है...
जिंदगी का कौन सा मोड़ लूं कि दुश्वारियां न मिलें, ये सोच सही है या जिंदगी के हर मोड़ की दुश्वारियों से बचना सीख लूं ये सोच सही है? दर्द जितना होगा सुकून भी उतना ही मिलेगा इसीलिए डर भी जितना होगा मजा भी उतना ही आएगा कैमरे से पिक्चर तो खूब खीची होगी न जाने दुनिया कि कौन कौन सी तस्वीर खींची होगी पर क्या दो दुनिया कि तस्वीर खींच सके हो नहीं न, इस तस्वीर में यही तो है शायद!!! घोड़ों का एक साथ मिलकर पानी पीना कितना खूबसूरत लग रहा है सोचो तुम घर में ऐसे ही खाना खाते दिखो तो कैसा हो!!! न बंगला, न गाड़ी, न कोई सुख, न ही सुविधा पर फिर भी देखो, हम ऐश कर रहे हैं बोलो की है तुमने कभी ऐसी ही ऐश!!! नेचर से इतना प्यार करता है इंसान कि पूरी जिंदगी नेचर को मिटाने में लगा देता है सच ही तो कह रहा हूँ... नहीं है यकीन तो जरा इस डोल्फिन को देखो हाथों में कैमरा बांधे सीटी बजते ही पानी से उछल पड़ती है लोग तालियाँ बजाते हैं और कहते हैं वाह क्या नेचर है!!! ...
उधार की नौबत पर आ गया हूं फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता एक नजर में सबकुछ हार चुका हूं फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता दांव पर लगाए कॅरियर को हारता देखा रहा हूं फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता जिंदगी के अंधेरे रास्तों की तरफ बढ़ चला हूं फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता क्या होगा आगे की सोच-सोच के परेशान हूं फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता चिंतित हूं कि बच्चों की पढ़ाई, लोन और घर कैसे चलेगा फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता और तो और अब तो हौसले पर भी शक हो चला है रोज एक बार सोचता हूं मेरा ये हौसला कहीं घमंड तो नहीं फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता
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