किसी के दर्द को बेचने कि कोशिश है उनका दर्द बिकेगा तो अपना कम हो जायेगा ये कौन सी दरिंदगी बुन रहे हैं हम पहले दर्द दे के कमाते हैं फिर दर्द बेच के कमाते हैं तुम ये नहीं कर सकती...तुम वो नहीं कर सकती लड़कियों को ये नहीं करना चाहिए लड़कियों को वो नहीं करना चाहिए अरे हटाओ!!! मुझे जो जी में आएगा करूंगी तुम्हे रोकना है तो रोक के दिखाओ... मिटटी से सना हाथ देख रहे हो जान थी तो बुलंदी से दुनिया में उठता था कहता था जो चाहे कर सकता हूँ इससे खूबसूरत रंग कहा से लाऊं कि देखते ही आंसूं छलक पड़ें तुम्हारे वो चलते थे तो दुनिया झुकती थी इतने काबिल इंसान थे वो कि इंसानों पे राज करके, खुदा को चुनौती देते थे खुद को बचाए रखने को हजारों जतन कर डाले पर सदियों बाद मिले तो बिखरे-बिखरे से वह रे हम!!! दुनिया जीतने का हौसला दिल में संजोये इस मुकाम पे पहुँच चुके हैं कि अब तो बकरियों से भी सहम के रहते हैं मसल के जिंदगी, मौत को परोसने को जी करता है कि जिंदगी में किसी के काम आने कि तमन्ना पूरी हो जाये आज इस बच्चे को देख जलन हो रही है एक ख्याल बार-बार उठ रहा है दिल में कि सुकू
पिछले हफ़ते कोलकाता में इंफोसिसस पुरस्कारों के दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि ज्ञान का विकास अन्य संस्कृतियों से सीखने पर निर्भर करता है। स्क्रॉल डॉट इन ने श्री सेन के पूरे भाषण को अपनी वेबसाइट पर पेश किया है। मुझे उनका भाषण अच्छा लगा, उसका कुछ हिस्सा मैं अनुवाद के रूप में आप तक पहुंचा रहा हूं। अमर्त्य सेन- मैं अपनी बात की शुरुआत भारत के राष्ट्रपति से माफी मांगते हुए करता हूं, जो मेरे अच्छे दोस्त रहे हैं, और यहां बीमारी के कारण उपस्थित नहीं हो सके हैं। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। शोहरत हासिल करने के कई रास्ते होते हैं। इसमें मूल और शानदार रिसर्च शायद अंतर्राष्ट्रीय ख्याति हासिल करने का सबसे बेहतर तरीका है। इंफोसिस साइंस फाउंडेशन पुरस्कारों के विजेता कुछ ऐसा ही कर के दिखा रहे हैं। हमने अभी उनकी बेहतरीन उपलब्धियों के बारे में सुना और हमें उनके इस कार्य पर फक्र है। लेकिन ख्याति हासिल करने के और भी तरीके हैं। भारत के राष्ट्रपति के लिए तय रखी गई कुर्सी पर बैठकर आसानी से ख्याति हासिल की जा सकती है। मैं इस तरह की दुघर्टनावश म
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