जेटली की केटली में यूं उबली चाय
जेटली की केटली में यूं उबली चाय,
यूं उबली चाय कि मानो दिहिन बस पिलाय
,
दिहिन बस पिलाय की लल्ला कप पे कपड़ा मारो,
कप पे कपड़ा मारो तो जरा नमकीन भी निकालो
,
नमकीन न मिले तो छन्नी ही पकड़ाओ,
तनिक तेजी से हाथ चलाओ मियां कि यूं उबली चाय
,
यूं उबली चाय कि कहीं देर न होइ जाए
देर न होइ जाए कहत संझा आय गई
जेटली की केटली में यूं उबली चाय।
- अजयेंद्र
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