अरर्रा के टंटाप पड़ेगा तो सारा राष्‍ट्र यहीं दिखेगा




चचा चौरंगी- ऐ केतली हियां आओ जरा। 
केतली- नमस्‍कार चचा, कैसे हैं आप। 
चचा चौरंगी- यू बताअो, का बवंडर मचाए हो। 
केतली- कुछ न हीं चचा, क्‍या हुआ। 
चचा चौरंगी- एक चिलम रही, ससुरे महंगी किए जा रहे हो, पुल्‍ली अपना समोसा महंगा कर दिहिस है। 
केतली- अरे चचा, राष्‍ट्र के लिए थोड़ा सा तो बढ़ाया है देखिएगा हमारा विश्‍व में नाम होगा।
चचा चौरंगी- अरर्रा के टंटाप पड़ेगा तो सारा राष्‍ट्र यहीं दिखेगा, पूरे कश्‍मीर के साथ। मुएं, खिलाएं पिलाएं हम और बातें करत हो कोठियों वालों की। 70 साल के हैं, हवाईजहाज बातें हमसे न कीन करो। जाओ लौंडन का समझाओ। चाची से कहते जाना, जरा चाय बना दें। अप्रैल के बाद तो उहै से काम चलाए क पड़ी। बताओ समोसा महंगा कर दिहिस।

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