चकल्लस- जापान, बारिश और यादव जी की कार



रोडी- अरे पप्पू भाई, दो चाय बनवा देना. देखना पत्ती थोड़ी तेज हो. क्यों बे तुम काहे को परेशान बैठे हो.


बिंदास- अबे हमें कौन सी परेशानी, सोच रहे हैं आजकल लोगों को चर्चा का नया मुद्दा मिल गया है. न्यूक्लियर बारिश.

रोडी- ये क्या है?

बिंदास- किस दुनिया में रहते हो, चाय का ऑर्डर तो ऐसे देते हो जैसे, न जाने कितने परेशान हो. साले भूसा भरा है क्या तुम्हारे दिमाग में? देख नहीं रहे आजकल जापान में न्यूक्लियर पावर प्लांट में धमाके हो रहे हैं और एसएमएस चल रहे हैं कि तेजाबी बारिश होने की संभावना है. अगर आपके यहां बारिश हो रही है तो उसके थमने तक घर से बाहर न निकलें.

रोडी- अच्छा तो ये बताओ.... हम कहें..... क्या कह रहे हो. लेकिन भाई क्या सही में तेजाबी बारिश होगी.
बिंदास- पता नहीं, सुन तो रहे हैं. टीवी चैनल वाले भी चिल्ला-चिल्लाकर यही बता रहे हैं. सच ही होगा.

रोडी- अबे तो हम कहां मर रहे हैं. हमारे जैसे लोग मरते नहीं हैं. मैं तो शिद्दत से 2012 का इंतजार कर रहा हूं, गुरू अगर दुनिया खत्म हुई तो अपन तो मजे सी जीएंगे. न कोई टोकने वाला, न कोई रोकने वाला.

बिंदास- लेओ चाय पीओ.

रोडी- अच्छा ये बताओ, अपने यहां भी तो जापान की तरह न्यूक्लियर पावर प्रोजैक्ट बन रहे हैं.

बिंदास- यही तो प्रॉब्लम है. साला प्रोजैक्ट हमारे देश में पहले पास हो जाता है. सब कमीशन लेकर चुपचाप बैठे रहते हैं. फिर कहीं हादसा हो जाता है तो इंस्पेक्शन करने का नाटक किया जाता है. देखा नहीं पिछले दिनों प्रधामंत्री और पर्यावरण मंत्री ने कहा कि देश के सभी पावर प्रोजैक्ट्स की सिक्योरिटी और डिजाइन को फिर से रिव्यू किया जाएगा. अबे कोई हलवा है कि चीनी कम पड़ गई तो चाशनी डालकर बराबर कर लोगे. सब बेवकूफ बनाते हैं गुरू. दो महीने पहले ये ही पर्यावरण मंत्री नए प्रोजैक्ट्स के संबंध में दावे कर रहे थे कि सब ठीक है. जापान में सूनामी आ गई तो हवा खिसक गई उनकी.


रोडी- पप्पू भाई, चाय बढिय़ा बनाई थी, एक मसाला देओ, तो मजा आ जाए. अच्छा ये तो बताओ, ये न्यूक्लियर प्लांट फट गया, जब हम उसकी चपेट में नहीं आए तो अब काहे डर रहे हैं. ये तेजाबी बारिश कैसे होती है.


बिंदास- लेओ इनको इतना नहीं पता. अबे न्यूक्लियर धमाके से लाखों न्यूक्लियर कण हवा में घुल जाते हैं, वो खत्म नहीं होते. अब हवा जिधर जाती है, वो उधर चले जाते हैं. सुना है इस समय रूस पहुंच गए हैं. ये मौसम पर भारी असर डालते हैं. यही नहीं इंसान में कैंसर होना तो आम बात है. इनकी चपेट में आने से कहीं से भी खून आने लगता है.


रोडी- तुमको बहुत जानकारी है. हा, हा, हा....


बिंदास- हंस क्यों रहे हो बे.


रोडी- सोच रहा हूं अगर अपने यहां भी तेजाबी बारिश हुई तो मजा आ जाएगा. वो यादव जी नहीं है, मेरी गली के मोड़ पर रहते हैं. जनवरी में होंडा सिटी खरीदकर लाए हैं. गली में ही पूरा रास्ता छेककर खड़ी रहती है. साला, तेजाब बरसेगा तो गाड़ी का क्या होगा. पूरी नहीं पिघलेगी तो कम से कम पेंट तो बह ही जाएगा.
बिंदास- छोटे लोग, छोटी सोच. यहां लोगों की जान पे बनी है और भइया दूसरे का काम लगने का इंतजार कर रहे हैं.


रोडी- तो तुम चिंतित होकर क्या उखाड़ ले रहे हो. सब चिंतित ही तो दिख रहे हैं, कर कोई कुछ नहीं रहा. अबे अपना पूरा देश राम भरोसे है, यहां कुछ नहीं होने वाला. कितने मरेंगे 2 करोड़, चलो 20 करोड़ रख लो. 80 करोड़ से ज्यादा तो फिर भी जिंदा रहेंगे. सब मिलकर बस चिंता करेंगे.

Comments

Unknown said…
पिछले दिनों प्रधामंत्री और पर्यावरण मंत्री ने कहा कि देश के सभी पावर प्रोजैक्ट्स की सिक्योरिटी और डिजाइन को फिर से रिव्यू किया जाएगा. अबे कोई हलवा है कि चीनी कम पड़ गई तो चाशनी डालकर बराबर कर लोगे. सब बेवकूफ बनाते हैं गुरू.

mast line hain bhaiya. satik likha hai. aakhir hum kyun nahin pahle se hi taiyaar ho pate
Unknown said…
हां भाईजी बात तो सही कही है...ये साले ऐसे ही हैं...

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