चकल्लस- ये कैसा 'विश्वकप'


ICC World Cup Trophy

रोडी- और क्या हाल हैं गुरु?

बिंदास- अमां ठीक ही हैं, तुम बताओ?

रोडी- कल का मैच देखा था क्या?

बिंदास- पता नहीं बे, डेली तो इतने होते हैं. कितने देखूं?

रोडी- अमां, जाओ. मिस कर गए तुम. क्या मैच था गुरू. अबे, 
ऑयरलैंड ने इंग्लैंड को वो घुस के मारा है कि स्ट्रॉस भाई अपने स्ट्रॉ लगाकर ग्लूकोज पी रहे होंगे.

बिंदास- अच्छा. सही में. आयरलैंड ने निपटा दिया.

रोडी- और नहीं तो क्या, मेरा तुमसे कोई मजाक का रिश्ता है क्या? 
अबे 300 के ऊपर चेज कर डाले.

बिंदास- अरे छोड़ो, सच बताऊं फिक्स होगा मैच.

रोडी- तुमको साले, हर दाल में काला ही दिखता है.

बिंदास- अबे अब दाल ही काली हो चली है. पाकिस्तान तो पहले से बदनाम है. 
करोड़ों के वारे न्यारे होते हैं. पिछले वल्र्डकप में नहीं देखा था. 
फिक्सिंग के चक्कर में ही बॉब वूल्मर को मार डाला पाकिस्तानियों ने. 
बड़ा डंका बजा कि स्कॉटलैंड यार्ड की पुलिस पहुंचेगी हत्या की जांच करने. 
जानते हो, एक अकेला अधिकारी ही पहुंचा था. 
अबे, करोड़ों डॉलर दांव पर लगे हों तो क्या स्कॉडलैंड यार्ड और क्या सीआईए.

रोडी- हां, यार बात तो सही है लेकिन हर मैच में कहां फिक्सिंग हो सकती है.

बिंदास- अबे, जब मैच फलाने मैदान में, फलानी टीमों के बीच, 
फलाने दिन खेलने के लिए फिक्स हो सकता है 
तो उसका रिजल्ट क्यों नहीं फिक्स हो सकता? अच्छा, इस बार बताओ कौन जीतेगा?

रोडी- यार, अफरीदी की जैसी अंटी बैठी हुई है, लग रहा है निकाल ले जाएगा. 
फिर उसके खिलाड़ी ज्यादातर नए लड़के हैं, क्या कर गुजरेंगे आप अंदाजा नहीं लगा सकते. 
दूसरा सबसे बड़ी बात, टीम अंडरडॉग की तरह खेल रही है.

बिंदास- फिर वही बात, साले खेल के वल्र्डकप कौन जीतेगा, यहां तो सब फिक्स है.
 देखो, मैं तो कहता हूं कि श्रीलंका वल्र्ड कप जीतेगा.

रोडी- कैसे कह सकते हो?

बिंदास- अबे, कैलकुलेशन है अपनी. लगाना हो तो शर्त लगा लो.

रोडी- और इंडिया.

बिंदास- हा, हा, हा, अबे अपनी टीम के लिए वल्र्डकप जीतना, हारना सब मिथ्या है.
साला इतने साल से लगातार वल्र्डकप जीत रही आस्ट्रेलिया टीम को देखो, 
टीम इंडिया की कमाई का एक चौथाई नहीं कमा सकी अब तक. 
उसके आधे खिलाड़ी पैसों के लिए लार टपकाए आईपीएल में 
किसी भी दोयम दर्जे की टीम के साथ खेलने लगते हैं.
 हमारी टीम तो वल्र्डकप से पहले ही वल्र्डकप जीत चुकी है. 
साबुन से लेकर कोल्ड्रिंक तक तो बेच ही डाली. 
अब देखो अपने सचिन भाई की वल्र्डकप जीतने की उम्मीद भी बेच रहे हैं.
 मैच किसी का भी हो विज्ञापन भाइयों का ही दिखता है.
 सेमीफाइनल के आगे जाएंगे नहीं, उसके बाद आईपीएल के लिए तैयारी में लग जाएंगे. 
हमारी टीम इंडिया के लिए साल भर वल्र्डकप चलता है.
 दूसरी बात, धोनी भले ही सपना न देखते हों कि काश 1983 की टीम के कप्तान वो होते. 
मगर कपिल देव जरूरत सोचते हैं कि हे भगवान, 
आज के टाइम में कप्तान बनाता तो तेरा क्या बिगड़ जाता. 
कमेंट्री करके इतना कमा रहा हूं, जितने 1983 में वल्र्डकप जीत कर नहीं कमा सका था.

रोडी- सही कह रहे हो गुरू. क्रिकेट भी अजीब खेल है. कुल मिलाकर 14 कंट्री खेलती हैं, उनमें भी आठ ही कायदे की क्रिकेट खेलती हैं. और टूर्नामेंट को कहा जाता है 'विश्वकप'. ये तो वही बात हो गई कि हमारे मोहल्ले की पप्पू पान की दुकान के अड्डे को जैसे हम पार्लियामेंट कहते हैं. कसम से, गेम भले इंग्लैंड का दिया हो, लेकिन बेचा इंडिया ने ही. क्यों सही है न. हा, हा, हा, चलो निकलते हैं.

Comments

rajiv said…
Dost Indian to bechne me mahir hain..mauka lage to poora desh bech dalen...Neta bike..Adhikari ...Khiladi bike....apne bablu ka bhi rate uncha chal raha hai aajkal.

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