चकल्लस- होली की चकल्लस:)


इस बार की होली खास है, पूर्णमासी का चांद कुछ ज्यादा ही पास है, हर कहीं चकल्लस और उल्लास है, कोई कहे बात है पक्की, कोई कहे बकवास है, खूब चले रंग और चढ़ जाए भंग तो मोहल्ले में हिट 'रोडी' और 'बिंदास' है.
होली के पहले ऐसी सनसनी कभी नहीं थी. सुपरमून, सुनामी, विकीलीक्स और जपान के न्यूक्लियर प्लांट लीक सब एक साथ. बची-खुची कसर टीवी चैनल्स पूरी किए दे रहे हैं. सुपरमून और जापान संकट पर सब ज्ञान बघार रहे हैं तो चौराहे के रोडी और बिंदास मियां पर भला असर क्यूं नही होगा. क्या कहा, रोडी और बिंदास को नहीं जानते? अरे हमारे-आपके नुक्कड़ के वो अड़ीबाज हैं, जिनके सवाल और एक्सपर्ट कमेंट्स के बिना कोई समस्या हल ही नहीं हो सकती.

तो बात हो रही थी एक तरफ सुपरमून में होलिका दहन की तैयारी.
बिंदास- अबे होलिका को ज्यादा ऊंचा मत करो. डेंजर हो सकता है.


रोडी- क्यों बिंदास बॉस? होलिका जितनी ऊंची, लपट उतनी ही जोरदार होगी ना?


बिंदास- समझा करो, देख नहीं रहे चंाद कितनी नजदीक है. कहीं लपट हींच लिहिस तो सब तरफ आग ही आग दिखेगी. देख नहीं रहे जापान में क्या हुआ.

बिंदास- अमां रोडी, बड़े हैरान-परेशान बैठे हो.

रोडी- कुछ नहीं बिंदास आज कुछ अच्छा नहीं लग रहा. खबरें सुन-सुन कर एक साथ कई चीजें दिमाग में चल रही हैं, समझ में नहीं आता ये क्या हो रहा है? पूरे देश की वाट लग रही है भाई.

बिंदास- बेटा, होली का टाइम है, परेशान नहीं होते. तुम बस एक-एक करके वो खबरें बताते जाओ, तुम्हारा भाई अभी यहीं पे, दूध का दूध पानी का पानी कर डालेगा. बताओ तो. अरे सुनो छोटू, जरा दो चाय बढिय़ा वाली बोल देना, मलाई मार के और हां, पप्पू से कह दो मेरे चार पान लगा दे.

रोडी- अरे, आज सुना नहीं कोर्ट के आदेश के बाद ट्रेन यात्रियों के लिए बवाल बन चुका जाट आन्दोलन खत्म हो गया. कई दिनों से लाइन पर बैठे जाट भाई अचानक हट गए. मैं ये कहता हूं कि भइया कोर्ट से पहले केन्द्र सरकार और यूपी सरकार क्या कर रही थी. यार, कहीं तो लोगों की परेशानी की सोचो, हर जगह सिर्फ वोट.

बिंदास- हम्म्म्म्म्... वाकई सोचने वाली बात तो है लेकिन ये बताओ यूपी सरकार पिछले कुछ दिनों से कितनी बिजी चल रही थी. इस महीने पहले तो सपा के प्रदर्शनों से उसे जूझना पड़ा, उससे निपटी तो मान्यवर का जन्मदिन आ खड़ा हुआ. एक सरकार बेचारी क्या-क्या करे? जाट लाइन पर उतरे तो वो रेलवे का मामला है और रेलवे किसके अंडर है, केन्द्र सरकार के. जो आजकल टेंशनाई हुई है. रोज-रोज भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार चिल्लाता हुआ कोई न कोई जिन्न चिराग से निकल आता है. कम्बख्त विकीलीक्स को भी नहीं रहा गया, इसी मौके पर ज्ञान बांट दिया कि पिछली सरकार के दौरान विश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस ने सरकार बचाने के लिए सांसदों की खरीद-फरोख्त की थी. अब बताओ, ये सरकारें इन परेशानियों से निपटें तो न जाट भाइयों की सुध लें. रही बात इस आन्दोलन से आम जनता को हुई परेशानी की. तो जिसे हम खुद ही आम कहते हैं तो उनकी चिंता क्या करनी. अबे, जब हमारी ट्रेन फंसेगी तो चिंता करेंगे.

रोडी- लेकिन भाई ये विकीलीक्स भी बहुत बड़ी लकड़ी है. कोई ऐसा देश नहीं, जहां ये कुछ तीली न दिखाए. अब अपने पीएम साहब इसकी चोट झेल रहे हैं. बेचारे परेशान होकर कह रहे हैं कि विकीलीक्स ही झूठा है. उधर विपक्ष सिर्फ कैमरे के आगे कूदता दिखता है, संसद से बाहर आकर कुछ नहीं करता. क्या एक नेता ईमानदार नहीं बचा? बड़ा बुरा लगता है भाई.

बिंदास- इसमें बुरा क्या लगना. अबे विकीलीक्स को सच मानेंगे तो बदनाम नहीं हो जाएंगे, इसलिए एक ही रास्ता है खबर को ही झूठा करार दे दो. अंट-शंट जवाब देकर मामले पर पानी डाल दो. पब्लिक का क्या है, 2014 के इलेक्शन तक ये सब भूल चुकी होगी. वहीं बेचारा विपक्ष पिछली बार दूध से जला हुआ है, इसलिए छाछ फूक-फूक कर पी रहा है. पिछली बार सरकार गिरा नहीं पाया और लोकसभा में कांग्रेस को फायदा मिल गया. लेफ्ट भी उस समय के विरोध के कारण हाथ जला बैठा और हाशिए पर चला गया. यही कारण है कि सब मिलकर बस अब सरकार की इमेज को डेंट करने में लगे हैं.

रोडी- अच्छा छोड़ो हटाओ पॉलिटिक्स. सब भाड़ में जाएं. ये बताओ ये सुपरमून क्या है. सुना है फिर सुनामी आएगी. जापान में भी इसी के कारण तबाही मची. वहां बताओ कितने पावर प्लांट दग गए. टीवी पर सब चिल्ला-चिल्लाकर बता रहे हैं इसके कारण न्यूक्लियर बारिश होगी.

बिंदास- अबे कुछ नहीं है. ये सब चोंचले हैं, रोज नई चर्चा करने के. सुपरमैन की पिक्चर देखी है, बस उसी को चंद्रमा बनाकर बेच रहे हैं सब. हां, ये ठीक है कि चंद्रमा थोड़ा करीब आएगा तो समुद्र में ज्वारभाटा थोड़ा और उठेगा. अबे लेकिन अपने यूपी में कहां समुद्र है, जो कोई दिक्कत होगी. हां, जापान में जो हुआ वो काफी भयानक था. न्यूक्लियर बारिश की संभावना तो है लेकिन तुम काहे को चिंता करते हो. किसी किताब की दुकान से ग्लोब खरीद लेव और देखो, जापान कितना दूर है. अबे यहां कुछ नहीं होने वाला.

रोडी- लेकिन भाई, सुना है ये न्यूक्लियर कण रूस तक पहुंच चुके हैं. वो भी तो दूर है.

बिंदास- तब तो और टेंशन नहीं. ग्लोब में देखो इंडिया से रूस कितना ऊपर है. अब जो न्यूक्लियर कण जापान से रूस पहुंच गया, वो अचानक सीधे नीचे उतर के लखनऊ थोड़े ही आ जाएगा. तुम टेंशन न लो, ये लो चाय पीओ. कसम से चेहरा देखकर लग रहा है, चाय बढिय़ा ही होगी. अआआ हहहह.. देखो अपने झामू भाई बता ही रहे थे कि मुम्बई में न्यूक्लियर पर कुछ लोग बौद्धिक दे रहे थे और नेता लोग वहां सो रहे थे.

रोडी- भाई वल्र्ड कप जीतने का दम भरने वाली टीम इंडिया, क्वार्टरफाइनल पहुंचते-पहुंचते ही हांफने लगी. ये खिलाड़ी करोड़ों कमाते हैं पर कुछ नहीं उखाड़ते.

बिंदास- तुम यार नादानों जैसी बात न किया करो. देख, टीम इंडिया को सेमीफाइनल से आगे जाना नहीं है इसलिए काहे की टेंशन. फिर उसकी सबसे बड़ी चिंता, आयोजकों की कमाई भी तो करानी है. देखो, उसके मैच तो देखने सब आ जाते हैं, उसे दूसरों के मैच भी तो बेचने हैं. आखिर विज्ञापन का सवाल है. अबे इंग्लैड ने क्रिकेट को जन्म दिया और हमारे देश ने इसे बेच दिया. अभी वल्र्डकप खत्म होगा, सब अपने देश लौट जाएंगे लेकिन अपने भाई लोग अगले हफ्ते से आईपीएल की तैयारी शुरू कर देंगे. तुम भावनाओं को समझो.

रोडी- वैसे खुशखबरी है, बीएसएनएल ने कहा है कि होली के दिन भी एसएमएस पैक चलता रहेगा.

बिंदास- सब दारू पीकर या भांग खाकर टुन्न रहेंगे, बीएसएनएल जानता है इसीलिए ज्ञान दे रहा है. इतने काबिल हैं तो 31 दिसम्बर के फ्री करें.

रोडी- लेकिन भाई आजकल क्राइम बहुत बढ़ गया है. चार बड़े मर्डर हो चुके हैं, दो किडनैपिंग और कई लड़कियों के साथ रेप होने की खबरें आई हैं कसम से ये मार्च तो डराने लगा है.


बिंदास- अमां जाओ यार, क्या बात करते हो. देखते नहीं मार्च चल रहा है, यानी सारे हिसाब-किताब और टार्गेट को कम्प्लीट करने का महीना. बैंक से लेकर दुकानदार तक और कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक व्यस्त हैं तो क्या चोर डकैत काम न करें. वो क्या इंसान नहीं हैं. उनको भी तो अपना टारगेट पूरा करना होता है. फिर अप्रैल में पुलिस के लिए कुछ तो टार्गेट मिले.

Comments

Unknown said…
बढ़िया है भईया जी....बस ज़रा देखने में देरी हो गई...अब तो वर्ल्ड कप जीतकर आईपीएल भी शुरू हो गया है....देरी से कमेंट के लिए क्षमा करें...

Popular posts from this blog

jeene ki wajah to koi nahi, marne ka bahana dhoondta hai

क्यों हमें दूसरों से प्यार की कमी लगती है?

dakar rally