ankahii
जिंदगी का कौन सा मोड़ लूं
कि दुश्वारियां न मिलें, ये सोच सही है
या जिंदगी के हर मोड़ की दुश्वारियों से बचना सीख लूं
ये सोच सही है?
दर्द जितना होगा
सुकून भी उतना ही मिलेगा
इसीलिए डर भी जितना होगा
मजा भी उतना ही आएगा
कैमरे से पिक्चर तो खूब खीची होगी
न जाने दुनिया कि कौन कौन सी तस्वीर खींची होगी
पर क्या दो दुनिया कि तस्वीर खींच सके हो
नहीं न, इस तस्वीर में यही तो है शायद!!!
घोड़ों का एक साथ मिलकर पानी पीना
कितना खूबसूरत लग रहा है
सोचो तुम घर में ऐसे ही
खाना खाते दिखो तो कैसा हो!!!
न बंगला, न गाड़ी, न कोई सुख, न ही सुविधा
पर फिर भी देखो, हम ऐश कर रहे हैं
बोलो की है तुमने कभी ऐसी ही ऐश!!!
नेचर से इतना प्यार करता है इंसान
कि पूरी जिंदगी नेचर को मिटाने में लगा देता है
सच ही तो कह रहा हूँ...
नहीं है यकीन तो जरा इस डोल्फिन को देखो
हाथों में कैमरा बांधे
सीटी बजते ही पानी से उछल पड़ती है
लोग तालियाँ बजाते हैं और कहते हैं
वाह क्या नेचर है!!!
Comments
Tasveeren bahut sundar hain!
a stone tossed into the stationary pond.Leaves to the reader to handle the waves.