nazar nazar me haaledil ka pata chalta hai
------------------------------------------------- तुम मर गए लेकिन एक दास्ताँ कह गए ये वीराने बताते है कि हरे होते तो जिन्दा होते ------------------------------- --------------------------------------------------------- चुल्लू से जिंदगी संजोने कि कोशिश कर रहा हूँ सारी उँगलियाँ जोड़ के रखी हैं कमबख्त फिर भी सरकती जा रही है --------------------------- -------------------------------------------- जिस इंसान ने मुझे इतने जख्म दिए चुन-चुन के हमले किये लहुलुहान पीठ लिए उसी इंसान के पैरों में बिछी हूँ मैं धरती हूँ इंसान नहीं, जो बदले लेती फिरूं ----------------------- ------------------------------------------ मासूमियत कि कोई शक्ल नहीं होती काश हम इसे जानवर कि औलाद न समझते ----------------------------- ------------------------------------- मेरे चेहरे पे एक मुस्कान देखने को माँ रोज न जाने कितने जतन करती होगी ---------------------------- -----------...