Car, bar और थ्री स्टार
LUCKNOW (21 Nov): मुंबई में फ्लैट, लखनऊ और कानपुर में आलीशान मकान रखते हैं, बीवी बच्चे अपना एटीएम यूज करते हैं, महंगे किराए के मकानों में रहते हैं, नहीं मिला तो मिनिमम थ्री स्टार होटल बुक कराते हैं. लेट नाइट बार जाते हैं. जी हां, लूट की वारदातों और लोअर क्लास की जिंदगी जीने की पहचान वाला बावरिया गिरोह अब हाइटेक हो चला है. इस गिरोह को पता है कि जिस स्टेट में वारदात करना हो, वहां रोमिंग मोबाइल नंबर के साथ ऑपरेट करो, क्योंकि सर्विलांस में लोकल पुलिस को लिस्निंग मिलने में दिक्कत होती है. मगर..केप्ट रखने की आदत बड़ा सुराग छोड़ गई और एसटीएफ ने आखिरकार शुक्रवार को लखनऊ में बावरिया गिरोह के सरगना सहित 5 अपराधियों को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की.
एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार मई महीने में बावरिया गिरोह के सरगना तारन, जो आन्ध्रप्रदेश की जेल में बंद है, का मोबाइल नंबर हाथ लगा. दिक्कत यह थी कि मुंबई का यह मोबाइल नंबर लगातार स्टेट बदल रहा था और रोमिंग में होने के कारण पुलिस को लोकल सर्विस प्रोवाइडर से लिस्निंग डिटेल नहीं मिल पा रही थी. इसी दौरान एसटीएफ ने कानपुर में तारन की एक केप्ट मीना का नंबर ट्रेस आउट किया. पता चला कि यह मुंबई की बार बाला थी, जिसे बार बंद होने के बाद से तारन कानपुर ले आया था और कल्याणपुर में आलीशान मकान खरीदकर दिया था. मीना के नंबर से ही यूपी के सरगना मोहन सिंह का नंबर ट्रेस हुआ. लेकिन वह भी रोमिंग में था. फिर मोहन की एक केप्ट का नंबर ट्रेस हुआ, मेरठ में रहने वाली इस केप्ट के नंबर ने गिरोह की की परत-दर-परत खोलकर रख दी.
सूत्रों के अनुसार इस गिरोह के पास लैपटाप से लेकर सुख-सुविधा का सारा सामान मौजूद है. ये लूट, चोरी करते हैं और मिले पैसे से पूरी ऐश करते हैं. इनके बच्चों तक के पास अपने बैंक एकाउंट हैं और ये एटीएम यूज करते हैं. कानपुर के बजरिया थानाक्षेत्र में मोहन सिंह ने 19 नवम्बर को 40 हजार रुपए लूटने के 15 मिनट बाद ही एसबीआई बैंक में अपने और अपनी पत्नी लीलावती के एकाउंट में 20-20,000 रुपए जमा करा दिए. पुलिस को मोहन के पास से बैंक की रेसिप्ट भी मिली है. यही नहीं गिरफ्तारी के बाद इनके केस की पैरवी नामी वकील से कराई जाती है. यही कारण है कि आन्ध्रप्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ के सोना लूट के मामले में गिरफ्तार तारन को लोअर कोर्ट से नार्को टेस्ट कराने का आदेश दिया गया लेकिन मामले में उसने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया.
आतंकवादी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल्स की बात तो सभी ने सुनी थी लेकिन बावरिया गिरोह भी स्लीपिंग मॉड्यूल्स रखता है. ये मॉड्यूल्स महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली, आन्धप्रदेश, चण्डीगढ़ में ऑपरेट कर रहे हैं. ये मॉड्यूल्स किसी हाइलीपेड पर्सन से कम नहीं. ये इंर्ग्लिश बोलते हैं, लेट नाइट पार्टी में शामिल होते हैं, यही नहीं महंगी कारें इनके नए शौक में शामिल है.
सूत्रों के अनुसार अकेले तारन के ही लखनऊ के चिनहट क्षेत्र में और कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र में दो आलीशान बंगले हैं. यही नहीं इसने मुंबई में फ्लैट भी ले रखा है. गिरोह के अन्य सदस्यों के भी अपने आलीशान मकान होने की सूचना है. गिरोह के पास से शटर और बोल्ट काटने वाला जो कटर बरामद हुआ, उसे देखकर अफसर तक हैरान रह गए. कुछ के मुताबिक उन्होंने ऐसा कटर तो हॉलीवुड की फिल्मों में ही देखा था. यह कटर कागज की तरह शटर काट देता है, काटने की आवाज बगल में बैठा व्यक्ति नहीं सुन सकता.
एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार मई महीने में बावरिया गिरोह के सरगना तारन, जो आन्ध्रप्रदेश की जेल में बंद है, का मोबाइल नंबर हाथ लगा. दिक्कत यह थी कि मुंबई का यह मोबाइल नंबर लगातार स्टेट बदल रहा था और रोमिंग में होने के कारण पुलिस को लोकल सर्विस प्रोवाइडर से लिस्निंग डिटेल नहीं मिल पा रही थी. इसी दौरान एसटीएफ ने कानपुर में तारन की एक केप्ट मीना का नंबर ट्रेस आउट किया. पता चला कि यह मुंबई की बार बाला थी, जिसे बार बंद होने के बाद से तारन कानपुर ले आया था और कल्याणपुर में आलीशान मकान खरीदकर दिया था. मीना के नंबर से ही यूपी के सरगना मोहन सिंह का नंबर ट्रेस हुआ. लेकिन वह भी रोमिंग में था. फिर मोहन की एक केप्ट का नंबर ट्रेस हुआ, मेरठ में रहने वाली इस केप्ट के नंबर ने गिरोह की की परत-दर-परत खोलकर रख दी.
सूत्रों के अनुसार इस गिरोह के पास लैपटाप से लेकर सुख-सुविधा का सारा सामान मौजूद है. ये लूट, चोरी करते हैं और मिले पैसे से पूरी ऐश करते हैं. इनके बच्चों तक के पास अपने बैंक एकाउंट हैं और ये एटीएम यूज करते हैं. कानपुर के बजरिया थानाक्षेत्र में मोहन सिंह ने 19 नवम्बर को 40 हजार रुपए लूटने के 15 मिनट बाद ही एसबीआई बैंक में अपने और अपनी पत्नी लीलावती के एकाउंट में 20-20,000 रुपए जमा करा दिए. पुलिस को मोहन के पास से बैंक की रेसिप्ट भी मिली है. यही नहीं गिरफ्तारी के बाद इनके केस की पैरवी नामी वकील से कराई जाती है. यही कारण है कि आन्ध्रप्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ के सोना लूट के मामले में गिरफ्तार तारन को लोअर कोर्ट से नार्को टेस्ट कराने का आदेश दिया गया लेकिन मामले में उसने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया.
आतंकवादी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल्स की बात तो सभी ने सुनी थी लेकिन बावरिया गिरोह भी स्लीपिंग मॉड्यूल्स रखता है. ये मॉड्यूल्स महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली, आन्धप्रदेश, चण्डीगढ़ में ऑपरेट कर रहे हैं. ये मॉड्यूल्स किसी हाइलीपेड पर्सन से कम नहीं. ये इंर्ग्लिश बोलते हैं, लेट नाइट पार्टी में शामिल होते हैं, यही नहीं महंगी कारें इनके नए शौक में शामिल है.
सूत्रों के अनुसार अकेले तारन के ही लखनऊ के चिनहट क्षेत्र में और कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र में दो आलीशान बंगले हैं. यही नहीं इसने मुंबई में फ्लैट भी ले रखा है. गिरोह के अन्य सदस्यों के भी अपने आलीशान मकान होने की सूचना है. गिरोह के पास से शटर और बोल्ट काटने वाला जो कटर बरामद हुआ, उसे देखकर अफसर तक हैरान रह गए. कुछ के मुताबिक उन्होंने ऐसा कटर तो हॉलीवुड की फिल्मों में ही देखा था. यह कटर कागज की तरह शटर काट देता है, काटने की आवाज बगल में बैठा व्यक्ति नहीं सुन सकता.
Comments