पिछले हफ़ते कोलकाता में इंफोसिसस पुरस्कारों के दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि ज्ञान का विकास अन्य संस्कृतियों से सीखने पर निर्भर करता है। स्क्रॉल डॉट इन ने श्री सेन के पूरे भाषण को अपनी वेबसाइट पर पेश किया है। मुझे उनका भाषण अच्छा लगा, उसका कुछ हिस्सा मैं अनुवाद के रूप में आप तक पहुंचा रहा हूं। अमर्त्य सेन- मैं अपनी बात की शुरुआत भारत के राष्ट्रपति से माफी मांगते हुए करता हूं, जो मेरे अच्छे दोस्त रहे हैं, और यहां बीमारी के कारण उपस्थित नहीं हो सके हैं। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। शोहरत हासिल करने के कई रास्ते होते हैं। इसमें मूल और शानदार रिसर्च शायद अंतर्राष्ट्रीय ख्याति हासिल करने का सबसे बेहतर तरीका है। इंफोसिस साइंस फाउंडेशन पुरस्कारों के विजेता कुछ ऐसा ही कर के दिखा रहे हैं। हमने अभी उनकी बेहतरीन उपलब्धियों के बारे में सुना और हमें उनके इस कार्य पर फक्र है। लेकिन ख्याति हासिल करने के और भी तरीके हैं। भारत के राष्ट्रपति के लिए तय रखी गई कुर्सी पर बैठकर आसानी से ख्याति हासिल की जा सकती है। मैं इस तरह की दुघर्टनावश म
Comments
Kayi baatonko ujagar karti huee ek documentary banane jaa rahi hun....ummeed hai, safal rahun !
Mere blogpe do samayik lekh padhneka nimantran deti hun...1)Meree Awaaz Suno. 2) Ye jazbaa salamat rahe!
Teen kavitayen pesh hain jo pehle kabhi likheen theen...intezaar hai aapka...