wah kya rang hain
जिंदगी में रोज चलते-फिरते
न जाने कितने सूक्ष्म जीवों को हम मसल देते हैं
हम कभी घर साफ करने के लिए मकड़ी को बर्बादी देते हैं
तो कभी सफाई के नाम पर कीड़े, चीटियों की जिंदगी में कोहराम मचाते हैं
उनका दर्द शायद हम सुन नहीं पाते
या शायद समझ ही नहीं पाते
ये भी तो कुछ ऐसा ही है
उस अनजान औलौकिक शक्ति ने शायद घर (पृथ्वी) में नए रंग घोलने की सोची होगी
तभी तो उसके ज्वालामुखी रूपी ब्रश ने हमारी जिंदगी में कोहराम मचा दिया है
उम्मीद है वो हमारा दर्द सुन रहा है, समझता भी होगा.
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