तो कुछ प्यारा सा लगे


तेरे हर जुल्म को सोचकर

हर सितम को महसूस कर

ये फूल कब्र पे बोने की कोशिश है

कि शायद तू अगली बार मिले 

तो कुछ प्यारा सा लगे




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बहुत खुबसूरत ग़ज़ल| धन्यवाद|

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