हटाओ इस तस्वीर को
कितना बेरहम है ये बाज इतने खूबसूरत खरगोश को यूं बेदर्दी से दबोच रहा है,
हटाओ इस तस्वीर को मुझसे ये देखा नहीं जाता,
मैं इंसान हूं मेरे अंदर इंसानियत है
मैं मंदी के नाम पर नौकरियां ले सकता हूं, तरुण तेजपाल, आशाराम हो सकता हूं, तलवार दंपति हो सकता हूं, इंसानों पर शराब के नशे में गाड़ी चढ़ा सकता हूं, मगर ये अमानवीय हरकत नहीं कर सकता।
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