छुके यूँ चली हवा!!!

वो काम काम ही क्या, जिसमे अपने या अपनों के लिए समय ही न हो

इतनी नफरत दूसरों से की के मुझे पता ही नही चला जिंदगी मैंने कैसे बर्बाद कर ली...

जिंदगी फेयर नही मगर फिर भी खूबसूरत है...

हर रोज १० मिनट अपने लिए जरूर निकालें

हर लम्हे के अपने रंग...हर पल कुछ कहता है...मुझको ये पल दिला दो...चार नही तो एक ही दिला दो...

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