जिंदगी की यही रीत है...

खुदी को कर बुलंद इतना की हर तकदीर से पहले खुदा बन्दे से ख़ुद पूछे बता तेरी रजा क्या है!!!
अपनी मिटटी से कर प्यार...दूसरे की जमीन तो बहुत अची लगती है...

proffesional banneywalle insaan jara soch jab too kisi kabil nahi hoga tab bhi tere paas sirf dost hi honge...to thoda balance bana relation proffessional nahi hotey...

न ये पल रुका है न वो पल रुकेगा...तू क्या सोच रहा है जिंदगी का पहिया है
...आज गम दे रहा है कल खुशी भी देगा...

समय से बड़ा कोई मरहम नही...जिंदगी में मिली हर चोट को जरा समय दें...

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