खुदी को कर बुलंद इतना की हर तकदीर से पहले खुदा बन्दे से ख़ुद पूछे बता तेरी रजा क्या है!!! अपनी मिटटी से कर प्यार...दूसरे की जमीन तो बहुत अची लगती है...
proffesional banneywalle insaan jara soch jab too kisi kabil nahi hoga tab bhi tere paas sirf dost hi honge...to thoda balance bana relation proffessional nahi hotey...
न ये पल रुका है न वो पल रुकेगा...तू क्या सोच रहा है जिंदगी का पहिया है
...आज गम दे रहा है कल खुशी भी देगा...
समय से बड़ा कोई मरहम नही...जिंदगी में मिली हर चोट को जरा समय दें...
किसी के दर्द को बेचने कि कोशिश है उनका दर्द बिकेगा तो अपना कम हो जायेगा ये कौन सी दरिंदगी बुन रहे हैं हम पहले दर्द दे के कमाते हैं फिर दर्द बेच के कमाते हैं तुम ये नहीं कर सकती...तुम वो नहीं कर सकती लड़कियों को ये नहीं करना चाहिए लड़कियों को वो नहीं करना चाहिए अरे हटाओ!!! मुझे जो जी में आएगा करूंगी तुम्हे रोकना है तो रोक के दिखाओ... मिटटी से सना हाथ देख रहे हो जान थी तो बुलंदी से दुनिया में उठता था कहता था जो चाहे कर सकता हूँ इससे खूबसूरत रंग कहा से लाऊं कि देखते ही आंसूं छलक पड़ें तुम्हारे वो चलते थे तो दुनिया झुकती थी इतने काबिल इंसान थे वो कि इंसानों पे राज करके, खुदा को चुनौती देते थे खुद को बचाए रखने को हजारों जतन कर डाले पर सदियों बाद मिले तो बिखरे-बिखरे से वह रे हम!!! दुनिया जीतने का हौसला दिल में संजोये इस मुकाम पे पहुँच चुके हैं कि अब तो बकरियों से भी सहम के रहते हैं मसल के जिंदगी, मौत को परोसने को जी करता है...
जिंदगी का कौन सा मोड़ लूं कि दुश्वारियां न मिलें, ये सोच सही है या जिंदगी के हर मोड़ की दुश्वारियों से बचना सीख लूं ये सोच सही है? दर्द जितना होगा सुकून भी उतना ही मिलेगा इसीलिए डर भी जितना होगा मजा भी उतना ही आएगा कैमरे से पिक्चर तो खूब खीची होगी न जाने दुनिया कि कौन कौन सी तस्वीर खींची होगी पर क्या दो दुनिया कि तस्वीर खींच सके हो नहीं न, इस तस्वीर में यही तो है शायद!!! घोड़ों का एक साथ मिलकर पानी पीना कितना खूबसूरत लग रहा है सोचो तुम घर में ऐसे ही खाना खाते दिखो तो कैसा हो!!! न बंगला, न गाड़ी, न कोई सुख, न ही सुविधा पर फिर भी देखो, हम ऐश कर रहे हैं बोलो की है तुमने कभी ऐसी ही ऐश!!! नेचर से इतना प्यार करता है इंसान कि पूरी जिंदगी नेचर को मिटाने में लगा देता है सच ही तो कह रहा हूँ... नहीं है यकीन तो जरा इस डोल्फिन को देखो हाथों में कैमरा बांधे सीटी बजते ही पानी से उछल पड़ती है लोग तालियाँ बजाते हैं और कहते हैं वाह क्या नेचर है!!! ...
एक बेहद सम्पन्न परिवार के शख्स हैं . जीवन की सभी जरूरतें उनकी आसानी से पूरी हो जाती हैं . काम - धंधे के लिहाज से वो भी काफी सफल हैं . समाज में उनकी छवि भी अच्छी है . माता - पिता , पत्नी , बच्चे सब खुश दिखाई देते हैं . वो शख्स भी परिवार और समाज सभी जगह अपनी छवि अच्छी बनाए हुए है . लेकिन उसके अंदर हमेशा एक निराशा घेरे रहती हैं . उसे लगता है कि उसे कोई उतना प्यार नहीं करता . वो किसी भी दोस्त आदि को जितनी शिद्दत से चाहता है , उसे धोखा या चालाकी या कम तरजीह ही मिलते हैं . जब उसे किसी के साथ की जरूरत पड़ती है तो कोई नही होता . वह खुद अपनी क्षमता के हिसाब से सबके लिए बेहतर साबित होने की कोशिश करता है . चाहे दोस्त हो या परिवार सभी के लिए वह समय देने की कोशिश करता है . लेकिन उसे भी प्यार चाहिए , ये कोई नहीं समझता . उसे लगता है कि सब उसे बेवकूफ ही बनाते हैं . लाखों रुपए उसके अब तक इसी में जाया हो चुके हैं . समय बीतने के साथ ही धीरे - धीरे अब उसकी स्थिति कुछ ऐसी हो गई है कि परिवार और चंद करीबी लोगों के अलावा ज्यादातर लोगों से वह दूर होता जा रहा है . हमेशा उत्साह में रहने वाला वो शख्स अब कभी भी मि...
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