jeene ki wajah to koi nahi, marne ka bahana dhoondta hai
किसी के दर्द को बेचने कि कोशिश है उनका दर्द बिकेगा तो अपना कम हो जायेगा ये कौन सी दरिंदगी बुन रहे हैं हम पहले दर्द दे के कमाते हैं फिर दर्द बेच के कमाते हैं तुम ये नहीं कर सकती...तुम वो नहीं कर सकती लड़कियों को ये नहीं करना चाहिए लड़कियों को वो नहीं करना चाहिए अरे हटाओ!!! मुझे जो जी में आएगा करूंगी तुम्हे रोकना है तो रोक के दिखाओ... मिटटी से सना हाथ देख रहे हो जान थी तो बुलंदी से दुनिया में उठता था कहता था जो चाहे कर सकता हूँ इससे खूबसूरत रंग कहा से लाऊं कि देखते ही आंसूं छलक पड़ें तुम्हारे वो चलते थे तो दुनिया झुकती थी इतने काबिल इंसान थे वो कि इंसानों पे राज करके, खुदा को चुनौती देते थे खुद को बचाए रखने को हजारों जतन कर डाले पर सदियों बाद मिले तो बिखरे-बिखरे से वह रे हम!!! दुनिया जीतने का हौसला दिल में संजोये इस मुकाम पे पहुँच चुके हैं कि अब तो बकरियों से भी सहम के रहते हैं मसल के जिंदगी, मौत को परोसने को जी करता है...
Comments
आपका दोस्त
ओमप्रकाश दास
लोकसभा टीवी,