फिर भी ये हौसला...





उधार की नौबत पर आ गया हूं
फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता
एक नजर में सबकुछ हार चुका हूं
फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता
दांव पर लगाए कॅरियर को हारता देखा रहा हूं
फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता
जिंदगी के अंधेरे रास्तों की तरफ बढ़ चला हूं
फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता
क्या होगा आगे की सोच-सोच के परेशान हूं
फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता
चिंतित हूं कि बच्चों की पढ़ाई, लोन और घर कैसे चलेगा
फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता
और तो और अब तो हौसले पर भी शक हो चला है
रोज एक बार सोचता हूं मेरा ये हौसला कहीं घमंड तो नहीं
फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता

Comments

kshama said…
और तो और अब तो हौसले पर भी शक हो चला है
रोज एक बार सोचता हूं मेरा ये हौसला कहीं घमंड तो नहीं
फिर भी ये हौसला खत्म नहीं होता
Hausala to sabkuchh hai zindagee me!
dada kahi na kahi se apna dil se ye line aap ne likhi hain maja aah gaya dada.......
Anonymous said…
अद्भुत
Unknown said…
khuda na kare k aapka hausla kabhi khatm ho
Unknown said…
This comment has been removed by the author.

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