चकल्लस- धत तेरी मल्टीटास्किंग की...



बिंदास- क्या हाल है मियां, काफी दिनों बाद मेरे कूचे में तुम पहुंचे.

रोडी- अरे, कुछ न कहो भाई, जहां काम करता हूं. वहां नया मैनेजर आया है. कमबख्त ने ऐसा नया शब्द इजाद किया है कि न कुछ बोलते बन रह है, न कराहते. सुबह से रात तक काम-काम और सिर्फ काम.

बिंदास- ऐसा कौन सा फाड़ू शब्द है भाई, हमें भी तो बताइए.

रोडी- अमां, वो क्या कहते हैं...टाकिंग, टास्स हां....मल्टीटास्किंग.

बिंदास- अच्छा, तो ये 'मल्टीटास्किंग पिस्सू' तुम्हारे यहां भी पहुंच गया. अब तो समझो तुम प्लेग से मरोगे. जो काम तुम्हारा नहीं है, वो भी करना होगा, वो भी जोश के साथ, अगर वो नहीं कर पाए तो जिस काम की तनख्वाह पाते हो, वो पूरा करने के बाद भी तनख्वाह नहीं मिलने वाली.

रोडी- हां, यार. कम्बख्त डेली, सुबह से शाम तक सिर्फ बेवकूफी भरा ज्ञान बांटता फिरता है. 8 घंटे की नौकरी कहने को है, सुबह 10 बजे से रात 12 यूं बजा देता है, ऊपर से चार बार मीटिंग करता है. और  तो और राय जानने के लिए मीटिंग बुलाता है, और राय दे दो तो ऐसे जलील करता है, जैसे गुनाह कर दिया हो. समझ में ही नही आता क्या करें. बड़ी टेंशन है भाई.

बिंदास- चाय पियोगे. अरे छोटू जरा दो चाय बोल दो. और हां, पप्पू से मेरे वाले चार पान बंधवा लाना. अच्छा पान छोड़ो, वो कागज की पैकिंग में जो रजनीगंधा आने लगा है, एक ले आना और पप्पू से बोल देना तुलसी भी दे दे. पुडिय़ा रखे होगा.

रोडी- भाई लेकिन एक बात है वो मैनेजर करता कुछ नहीं है, बस सारे कर्मचारियों का नाम जल्दी से याद कर लिया है, केवल मीटिंग करता है और बौद्धिक बांटता है.

बिंदास- अक्ल तो है, तुम्हारे पास, बस थोड़ी मिट्टी की परत उस पर से साफ कर दी जाए तो दौडऩे लगेगी. अबे, तुम्हारी पूरी परेशानी का उत्तर तुमने अभी दे दिया.

देखो, पहले जो मैनेजर काम करने वाला था, उसके पास ये मल्टीटास्किंग का कमीनापन नहीं था, क्योंकि वह काम करता था. अब ये जो नए काबिल हैं, इनके पास हुनर नहीं है, ये बस दिमाग लड़ा रहे हैं कि कम से कम स्टाफ से ज्यादा से ज्यादा काम कैसे लिया जाए. ताकि मालिक को दिखा सकें कि कम से कम खर्च में वो पहले जैसी परफार्मेंस दे सकते हैं.

रोडी- लेकिन भाई, एक आदमी हर काम तो कर नहीं सकता. अब जो लोहार है, वह सुनार का काम कैसे कर लेगा.

बिंदास- वही तो, मैं तुम्हें सुकून का रास्ता बता रहा हूं न. कमीनों के साथ कमीनगी दिखाइए और मजे लीजिए. देखो, वो मल्टीटास्किंग का ज्ञान बांट कर तुम सब पर दबाव डाल रहा है. तुम उसका विरोध करोगे तो निपट जाओगे. देखो, कंपनी तुमको तनख्वाह सिर्फ तुम्हारे काम का देती है, उसे ईमानदारी से करते रहो. बाकी जो मल्टीटास्किंग की योजना के तहत लादे गए काम हैं, उन्हें करने की कोई जरूरत नहीं है, दिखाते रहो कि बस कर रहे हो. जब वो चेक करे, तो खुद को जस्टीफाई कर दो. दो कदम चलकर दिखाओ और ज्ञान पेलो कि सर देखिए, मैंने पहली बार किया है ये दो कदम सही हैं या गलत. एक कदम और चलो, फिर दौड़कर पहुंचो, देखिए सर इस बार नए ढंग से कदम बढ़ाया है. देखो भाई उसे तुम्हारे काम से कोई लेना-देना नहीं है. वह बस तुम्हारी कथित मेहनत को सुनकर मन ही मन खुद की पीठ थप-थपाता रहेगा. और धीरे-धीरे तुमको सबसे काबिल मानने लगेगा.

रोडी- लेकिन भाई, मैं ये झूठ कैसे बोलूंगा, मैंने आज तक ये काम नहीं किया है.

बिंदास- अबे तो आज भी करने की कौन सी जरूरत, काम भले न करो, दिखा तो सकते हो. नहीं तो पिसते रहोगे, गुरू. देखो भईया, ये कंपनी है कंपनी. इससे लॉयल्टी दिखाई तो समझो चूस लेगी. मेरी मानो उससे पहले तुम ही उसे चूस लो. क्योंकि यह तय है कि किसी न किसी को तो चूसा जाएगा. एक बात गांठ बांध लो, दुनिया में सबसे वफादार कौन होता है? कुत्ता न. और सबसे बेइमान कौन, शेर. तुम तय कर लो तुम्हें क्या बनना है.

Comments

फोटो के शानदार कलेक्‍शन को देखते हुए मैं आपके ब्‍लॉग का फॉलोअर बना था। अब आपका यह नया अवतार सामने आया है।


यह भी शानदार है :)
Ajayendra Rajan said…
जर्रा नवाजी का शुक्रिया!
तुम तय कर लो तुम्हें क्या बनना है.

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