सौगात खुशियों की मेरी चौखट पर आई है


सौगात खुशियों की मेरी चौखट पर आई है
हां मेरे घर एक प्यारी सी बेटी आई है

सितारे रंज में है देखकर नूर उसका
बनकर मेहताब वह मेरे घर आई है
सुना करते थे मां से फलक पर परिया होती है
हकीकत तब लगी जब वह मेरे सामने आई है

वह इज्जत है मेरे घर की चरागा है जमाने का
वह 'जहरा' है, यह नाम मेरी इज्जत अफजाई है

निगाहें हटती ही नहीं उसके चेहरे से 'अब्बास'
बनकर आईना वह मेरे घर पर आई है....



Comments

Udan Tashtari said…
बहुत बधाई...



सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-समीर लाल 'समीर'
दीपावली का ये पावन त्‍यौहार,
जीवन में लाए खुशियां अपार।
लक्ष्‍मी जी विराजें आपके द्वार,
शुभकामनाएं हमारी करें स्‍वीकार।।

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