विवेकानंद ने कभी नहीं कहा, अमेरिका के बहनों और भाइयों
(स्क्रॉल डॉट कॉम पर द सिनिक के नाम से प्रकाशित लेख का हिन्दी अनुवाद) http://www.dailyo.in/opinion/vivekananda-never-said-sisters-and-brothers-of-america-obama-siri-fort-speech-chicago-a-chorus-of-faith/story/1/1711.html अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में जहां खड़े थे, वहां टीवी कैमरे उनके एक-एक शब्द और इशारे को रिकॉर्ड कर रहे थे। ओबामा ने यहां स्वामी विवेकानंद के उस भाषण को उद्धृत किया जो उन्होंने उनके गृह जनपद शिकागो में 121 साल पहले हुई धर्म संसद के दौरान दिया था। ओबामा ने कहा कि विवेकानंद ने अपने भाषण की शुरुआत इन शब्दों से की थी- अमेरिका के बहनों और भाइयों। कहा जाता है कि अगर कोई बात अनगिनत बार बोली जाए तो वह धीरे-धीरे सच का रूप ले लेती है। शायद अमेरिका के बहनों और भाइयों वाली बात के साथ भी यही हुआ, जिसे ओबामा भी सच मान बैठे। दशकों पहले या कहें करीब-करीब शताब्दी पहले 10 से 27 सितम्बर के बीच 1893 में शिकागो में एक किताब प्रकाशित हुई थी। उस किताब का शीर्षक था, अ कोरस ऑफ फेथ एस हर्ड इन द पार्लियामेंट ऑफ रिलिजन्स । ये वही शिकागो में